tag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post135636396381273747..comments2024-01-08T01:47:30.143-08:00Comments on Rahul... : कोई वजहों का...Rahul...http://www.blogger.com/profile/11381636418176834327noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-79109625411681484392013-10-27T10:41:40.377-07:002013-10-27T10:41:40.377-07:00बहुत सुंदर और उम्दा अभिव्यक्ति...बधाई... बहुत सुंदर और उम्दा अभिव्यक्ति...बधाई... प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-70728472286723207262013-10-18T07:16:50.053-07:002013-10-18T07:16:50.053-07:00अपने बहुमूल्य समय से कुछ समय चुरा कर हमें भी आनंद ...अपने बहुमूल्य समय से कुछ समय चुरा कर हमें भी आनंद प्रदान करने की कृपा करे..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-2441988203746721162013-10-18T06:27:29.552-07:002013-10-18T06:27:29.552-07:00अनुमानित सुख की
समृद्ध व्याख्या भी नहीं
मुट्ठी भ...अनुमानित सुख की <br />समृद्ध व्याख्या भी नहीं <br />मुट्ठी भर आसमान की <br />भावुक जिद नहीं<br />यकीनन.. तुम्हारे होने में<br />ऐसा कुछ भी नहीं <br />तुम्हारे होने में...<br />बस..हमारी नादाँ आदतें<br />मुस्कुराती है<br />और.. चुपके से <br />अबोध प्रार्थनाओं में <br />चिपक जाती है <br /><br />बेहद खूबसूरत भाव को व्यक्त करती सुंदर रचना।।।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-31743732800778782852013-10-08T02:15:00.712-07:002013-10-08T02:15:00.712-07:00 गहन चिंतन - प्रभावी प्रस्तुति गहन चिंतन - प्रभावी प्रस्तुति Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-33611380160293799722013-10-03T00:10:06.149-07:002013-10-03T00:10:06.149-07:00समग्र विस्तार से भी ज्यादा विस्तृत .....!!
बहुत सु...समग्र विस्तार से भी ज्यादा विस्तृत .....!!<br />बहुत सुंदर अभिव्यक्ति ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-2870771296405598092013-09-20T19:34:27.480-07:002013-09-20T19:34:27.480-07:00बहुत खूबसूरत रचनाबहुत खूबसूरत रचनासंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-31555989237992045652013-09-10T19:37:29.223-07:002013-09-10T19:37:29.223-07:00पुन : शुक्रिया राहुल भाई ऐसी टिपण्णी लेखनी की आंच...पुन : शुक्रिया राहुल भाई ऐसी टिपण्णी लेखनी की आंच हैं।virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-90007587665508728502013-09-07T11:40:27.864-07:002013-09-07T11:40:27.864-07:00शुक्रिया राहुल भाई ऐसी टिपण्णी लेखनी की आंच हैं। ...शुक्रिया राहुल भाई ऐसी टिपण्णी लेखनी की आंच हैं। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-67858786637075331642013-09-07T05:01:43.492-07:002013-09-07T05:01:43.492-07:00लुनाई से भरी रचना ....बहोत प्यारी ...बहोत अबोध लुनाई से भरी रचना ....बहोत प्यारी ...बहोत अबोध Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-59023565890977131182013-09-07T04:09:43.205-07:002013-09-07T04:09:43.205-07:00प्यारी अभिव्यक्ति ..प्यारी अभिव्यक्ति ..Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-58632379874191038252013-09-05T09:43:23.671-07:002013-09-05T09:43:23.671-07:00शानदार प्रस्तुति।।।शानदार प्रस्तुति।।।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-19755778652878469152013-09-02T12:39:51.663-07:002013-09-02T12:39:51.663-07:00क्षण भर में ही तार जाता है तुम्हारा होना ,
तुम सि...क्षण भर में ही तार जाता है तुम्हारा होना ,<br /><br />तुम सिर्फ तुम नहीं स्व का विस्तार भी हो '<br /><br />और वह स्व तुम्हारा ही नहीं हमारा भी है। <br /><br />बढ़िया बिम्बात्मक प्रस्तुति। अखूट कूट संकेतों सी। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-27996067317410704762013-09-02T01:59:04.753-07:002013-09-02T01:59:04.753-07:00तुम्हारे न होने में भी कितना कुछ हो जाना है ... प्...तुम्हारे न होने में भी कितना कुछ हो जाना है ... प्रेम का एक गहरा एहसास जो हलके स सोअर्ष से ही छुईमुई को बेसुध कर देता है ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-22343453515061324562013-09-01T08:05:41.922-07:002013-09-01T08:05:41.922-07:00बहुत खूबसूरत रचना...तुम्हारे होने और तुम्हारे होने...बहुत खूबसूरत रचना...तुम्हारे होने और तुम्हारे होने के बीच सिमटी रचना...वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-68816686849599754142013-08-31T11:55:41.028-07:002013-08-31T11:55:41.028-07:00बेहद खूबसूरत वैराग भाव पैदा करती रचना।बेहद खूबसूरत वैराग भाव पैदा करती रचना।virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-28066573849411691202013-08-31T02:07:27.391-07:002013-08-31T02:07:27.391-07:00अनुमानित सुख से सुदूर एक प्रेम अट्टाहस। क्या आपका...अनुमानित सुख से सुदूर एक प्रेम अट्टाहस। क्या आपका पहले वाला ब्लॉग भी सक्रिय है?Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-88901209266335056782013-08-30T19:19:24.269-07:002013-08-30T19:19:24.269-07:00शायद हर जीवन में एक ऐसी शै होती है जिसके प्रकट या ...शायद हर जीवन में एक ऐसी शै होती है जिसके प्रकट या अप्रकट रूप में बोधमात्र से ही मन में आनंद लहरी श्रृंखलित व तरंगित होती है. जो कि निस्संदेह निश्छल और निःस्वार्थ होती है. रचना का भाव सयोजन, प्रवाह बहुत अच्छा लगा. ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-70261780776355161182013-08-30T17:34:45.060-07:002013-08-30T17:34:45.060-07:00भाव भाप-सा उठकर जमने लगता है
न जाने किसे वो कैसे ...भाव भाप-सा उठकर जमने लगता है <br />न जाने किसे वो कैसे छूने लगता है ... Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.com