tag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post3572641118228428045..comments2024-01-08T01:47:30.143-08:00Comments on Rahul... : बहुत सारी प्यास रखकर...Rahul...http://www.blogger.com/profile/11381636418176834327noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-24032833586269281662013-08-29T11:10:14.854-07:002013-08-29T11:10:14.854-07:00 शुक्रिया आपकी टिपण्णी का।
नदियों का हिस्सा बन ज... शुक्रिया आपकी टिपण्णी का। <br /><br />नदियों का हिस्सा बन जाना... <br />सच में दोस्तों<br />कितना कुछ अजीब है ना ?<br /><br />मेहता जी को आपका उल्लास बतलाया गया था। शुक्रिया एक बार फिर आपका राहुल भाई। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-45919191359670171542013-08-29T11:09:25.759-07:002013-08-29T11:09:25.759-07:00शुक्रिया आपकी टिपण्णी का।
नदियों का हिस्सा बन जा...शुक्रिया आपकी टिपण्णी का। <br /><br />नदियों का हिस्सा बन जाना... <br />सच में दोस्तों<br />कितना कुछ अजीब है ना ?virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-66244895844048436892013-08-28T08:33:00.397-07:002013-08-28T08:33:00.397-07:00बहुत बढ़िया प्रस्तुति जन्माष्टमी के मौके पर आनंद व...बहुत बढ़िया प्रस्तुति जन्माष्टमी के मौके पर आनंद वर्षंन हैगो भैया। <br /><br /><br /> आज तो सारा आलम सारी कायनात ही कृष्ण मय हो रई भैया । उसकी लीला ही अपरम्पार हैं स्वाद लेबे को भागवत कथा सुनबे। झूठ् ना कहूँ तोसे। मजो आ गया ओ ,नन्द आनंद कारज होवे और मजा न आवे। नन्द का मतलब होवे आनंद। <br /><br />मैया मोहे दाऊ भोत खिजायो ,<br /><br />मोते कहत मोल को लीन्हों तू जसुमत कब जायो,<br /><br /><br />गोर नन्द जसोदा गोरी तू कत श्याम शरीर<br /><br />जन्माष्टमी की बधाई क्या बधाया सब ब्लागियन कु। <br /><br />ॐ शान्ति <br /><br />भैया जसोदा का मतलब ही होवे है जो यश दिलवावे। सगरे बिग्रे काज संभारे। <br /><br />श्रीकृष्णचन्द्र देवकीनन्दन माँ जशुमति के बाल गोपाल ।<br />रुक्मणीनाथ राधिकावल्लभ मीरा के प्रभु नटवरलाल ।।<br /><br />मुरलीधर बसुदेवतनय बलरामानुज कालिय दहन ।<br />पाण्डवहित सुदामामीत भक्तन के दुःख दोष दलन ।।<br /><br />मंगलमूरति श्यामलसूरति कंसन्तक गोवर्धनधारी ।<br />त्रैलोकउजागर कृपासागर गोपिनके बनवारि मुरारी ।।<br /><br />कुब्जापावन दारिददावन भक्तवत्सल सुदर्शनधारी ।<br />दीनदयाल शरनागतपाल संतोष शरन अघ अवगुनहारी ।।<br /><br />श्री कृष्ण स्तुती<br />कस्तुरी तिलकम ललाटपटले,<br />वक्षस्थले कौस्तुभम ।<br />नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले,<br />वेणु करे कंकणम ।<br />सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम,<br />कंठे च मुक्तावलि ।<br />गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते,<br />गोपाल चूडामणी ॥<br /><br />बधाई जन्मोत्सव कृष्ण कृष्ण बोले तो जो अन्धकार को दूर करे। <br />माँ बदल देती है खुशियों में उन्हें <br />हादसे जो राह में मिलते रहे <br /><br />संसद वारे कोब्रान ने कौन गिनेगा भैया <br /><br />अब तो बिल भी पास है गयो। कोबरा ही अगला प्रधान मंत्री होवेगो सही कह रियो भैया। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-35375161845611661092013-08-26T22:12:33.261-07:002013-08-26T22:12:33.261-07:00शुक्रिया दोस्त आपको ढेर सा अवकाश मिले। आप अह्में फ...शुक्रिया दोस्त आपको ढेर सा अवकाश मिले। आप अह्में फिर नसीब हों। ॐ शान्ति। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-70491155472126120652013-08-08T05:43:00.108-07:002013-08-08T05:43:00.108-07:00
शुक्रिया दोस्त। ॐ शान्ति <br />शुक्रिया दोस्त। ॐ शान्ति virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-62570679020792217262013-08-07T05:29:52.630-07:002013-08-07T05:29:52.630-07:00लेकिन यह भी देखा है ...जो भीतर घुमड़ता है ...वही ब...लेकिन यह भी देखा है ...जो भीतर घुमड़ता है ...वही बाहर दिखता है .....मन को शांत करो ...बाहर खुद ब खुद संभल जायेगा Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-14191274617830877012013-08-05T20:38:49.464-07:002013-08-05T20:38:49.464-07:00बहुत ही गहरी रचनाएँ होती है आपकी.
बहुत सारी प्यास...बहुत ही गहरी रचनाएँ होती है आपकी.<br /><br />बहुत सारी प्यास रखकर<br />खामोशी का समंदर जीना...<br />निपट आर्तनाद सुनकर<br />प्रेम का छंद गढ़ना...<br /><br />कितना कुछ है इन पंक्तियों में. इन्ही सम्मोहनों के नदियों/सागर में जीवन हिलोर लेती रहती है. सच भी है और विवशता भी.ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-4872698246834899212013-08-03T09:41:46.271-07:002013-08-03T09:41:46.271-07:00शुक्रिया राहुल भाई। शुक्रिया राहुल भाई। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-79286387774071381842013-08-02T04:56:58.998-07:002013-08-02T04:56:58.998-07:00कितना कुछ अजीब है ना ?
ये प्रश्न स्वयं में एक उत्...कितना कुछ अजीब है ना ?<br /><br />ये प्रश्न स्वयं में एक उत्तर ही तो है...!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-20764136748449605392013-08-01T20:52:13.987-07:002013-08-01T20:52:13.987-07:00
बहुत सारी प्यास रखकर...किन शब्दों में आपका धन्यवा...<br />बहुत सारी प्यास रखकर...किन शब्दों में आपका धन्यवाद करें ,दिन राटा की ये सेवा जब आप करें। ।ओम शान्ति। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-66396708280277100872013-07-31T17:26:35.384-07:002013-07-31T17:26:35.384-07:00निपट आर्तनाद सुनकर
प्रेम का छंद गढ़ना...
ॐ शान्ति...निपट आर्तनाद सुनकर<br />प्रेम का छंद गढ़ना...<br /><br />ॐ शान्ति यही तो कर्म योग है आत्माभिमान की स्थिति है स्थित प्रज्ञ, अपने निज स्वरूप होना है जो प्रेम स्वरूप है पीड़ा का क्या काम यहाँ।virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-11051044323078999212013-07-31T17:23:38.551-07:002013-07-31T17:23:38.551-07:00ॐ शान्ति ॐ शान्ति virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-54092567114136909312013-07-30T09:46:31.928-07:002013-07-30T09:46:31.928-07:00बहुत सुन्दर !अवचेतन के पास बुद्धि नहीं है वह चेतन ...बहुत सुन्दर !अवचेतन के पास बुद्धि नहीं है वह चेतन मन के विचार को ही आदेश मानता है इसलिए भाव पूर्ण कर्म करो। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-84119849010262906632013-07-27T12:01:04.928-07:002013-07-27T12:01:04.928-07:00बहुत खूब बहुत खूब बहुत खूब जीवन भी नदी सा प्रकरी (...बहुत खूब बहुत खूब बहुत खूब जीवन भी नदी सा प्रकरी (वह कथा जो प्रबंध काव्य में विस्तार नहीं ले पाती वृत्तांत बन रह जाती है )की तरह हैं। बहुत सुन्दर भाव संगम शब्दों का। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-25795207473835698842013-07-27T03:19:07.440-07:002013-07-27T03:19:07.440-07:00ये जीवन है तो दरअसल कुछ भी अजीब नहीं है ... क्योंक...ये जीवन है तो दरअसल कुछ भी अजीब नहीं है ... क्योंकि इससे ज्यादा अजीब तो कुछ भी नहीं ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-79792820844564622142013-07-26T21:12:23.757-07:002013-07-26T21:12:23.757-07:00सुन्दर रचना ....लेकिन मजबूरियां हम स्वयं गढ़ते हैं...सुन्दर रचना ....लेकिन मजबूरियां हम स्वयं गढ़ते हैं...उनके रास्ते भी हमें ही निकलने हैं....Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-28792766164213740432013-07-26T17:46:29.345-07:002013-07-26T17:46:29.345-07:00ये प्यास.. ये समन्दर.. ये सम्मोहन ..ये डूबना ..इंग...ये प्यास.. ये समन्दर.. ये सम्मोहन ..ये डूबना ..इंगित है उन छंदों का जो खुद गढा जाता है..जिसमें आकार ढूंढ़ता है प्रेम..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2071405198380835041.post-66274852927509011532013-07-26T09:00:14.358-07:002013-07-26T09:00:14.358-07:00हुम्म्म्म्म्म्म्म्म्म चेतन चेतन हुया मन जब पड़ी इन...हुम्म्म्म्म्म्म्म्म्म चेतन चेतन हुया मन जब पड़ी इन शब्दों पे मेरी नजर ...बहुत बधाई vandanahttps://www.blogger.com/profile/06388686161763413227noreply@blogger.com